इंकलाब लेलों !
Patriotic Hangover
@media_bars
आज कुछ मौसम केसरी-सफेद-हरा सा है।
नाजाने क्यों हवाओं में एक उत्साह भरा सा है।
हर कोई एक ही रंग में रंग चुका है।
आखिर प्रतिष्ठा मे किस किसका सर नहीं झुका है।
लगता है इन्कलाब का बाजार फिर सजा है,
खरीदार बहुत है शायद यही एक वजह है।
अब क्या होगा ?
चीन से व्यापार का सफर आज थोड़ा खटकेगा।
पाकिस्तान से दुश्मनी का लोहा थोड़ा और तपेगा।
देश का सैनिक आज एक आम बात बन जाएगा,
क्योंकि हर कोई दूसरा जो उस तिरंगे को ओढ़े नजर आएगा।
मेरा कल्पानाओ का भारत वास्तविकता में मिल जाएगा।
लेकिन,
किन्तु,
परन्तु,
कल ये बाजार जब उठ जाएगा,
आज हवाओ में बहता वो रंग कल जमीन में नज़र आएगा,
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